Monday, August 29, 2011

ज़िंदगी के राज़ को राज़ रहने दो...


ज़िंदगी किसी का इंतज़ार नही करती,
तनहाई कभी बेवफ़ाई नही करती..
आपसे दूर होने का गुम है वारना,
परछाई कभी जिसम पे वार नही करती..


ज़िंदगी ने काई सवालात बदल दिए
वक़्त ने मेरे हालात बदल दिए
इतने बुरे नही थे हम
ना जाने क्यूँ लोगो ने अपने ख़यालात बदल दिए..


बहूत दिन हो गे शायद सहारा तलाश
कर लिया उस ने
हमारी बाद भी आख़िर गुज़ारा
कर लिया उस ने,
हमारा ज़िकरा तो उस के लबों पे आ नही सकता
हमे एहसास है, की हम से किनारा
कर लिया उस ने..


हम जब आपकी दुनिया से जाएँगे,
इतना अपनापन दे जाएँगे,
जब याद करोगे अपने इस पागाल दोस्त को ,
हसती आँखो से भी आँसू निकल आएँगे.


ज़िंदगी के राज़ को राज़ रहने दो..
हर आएटबार को आएटबार रहने दो..
पर दिल अगर किसीसे कुछ कहना चाहे तो..
फिर मत कहना के आज रहने दो..


बादलों के पीछे चाँद को मचलते देखा है,
पलकों के नीचे नज़रों को संभालते देखा है,
देखा नही तो बस आपके दिल मे हमारे लिए प्यार ..
ऐसे तो हमने आईने के सामने चेहरो को बदलते देखा है..


आज उनको हमारी बातें भी चुभती है..
ये मेरे खुदा,
कल तक जिसको हमारी हर अल्फ़ाज़ से प्यार था...
वो आज हमारी शक्ल से भी नफ़रत करती है..


रेत के सहेर मे आशियाना बनाया था
कागज की कश्ती को सहर बनाया था
झोका हवा का सब कुछ उड़ा ले गया
शायद हमने ही रिश्ता कमजोर बनाया था...


येईन किंवा न येईन परत तुझ्या भेठीला
आठवणी माञ बांधुन ठेवीन काळजाच्या गाठीला
आयुष्याच्या प्रत्येक वळणार आठवण तुझी येत राहील
अलगद असा पापण्यांवरुन अश्रु एखादा ओघळुन जाईल पण त्याची काळजी तु करु नको कारण तोच अश्रु
तुझी आठवण आल्याचं नकळत सांगुन जाईल...

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